HomeHealth and FitnessDiabetes:डायबिटीज रोग क्या है?जाने इसके कारण,लक्षण,प्रकार और उपचार|

Diabetes:डायबिटीज रोग क्या है?जाने इसके कारण,लक्षण,प्रकार और उपचार|

Symptoms, causes types & Treatment of Diabetes.

Diabetes: मधुमेह, जिसे डायबिटीज (Diabetes) के नाम से भी जाना जाता है| क्या आपको पता है कि हमारे देश में सबसे ज्यादा मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज हैं? मधुमेह (Diabetes) को ‘साइलेंट-किलर’ (Silent-Killer) भी कहा जाता है, क्योंकि इससे होने वाली समस्याएं हमें पता ही नहीं होती हैं, परन्तु हमारे स्वास्थ्य पर इसका ख़तरनाक प्रभाव पड़ता है| ये बीमारी अनुवाशिंक भी होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है| इसीलिए हम इस ब्लॉग में डायबिटीज होने के लक्षण,प्रकार और उपचार के बारे में बताएँगे..

डायबिटीज क्या है?(What is Diabetes in Hindi):-

डायबिटीज यह एक मेटाबॉलिक रोग (Metabolic Disorder) है जिससे खून में ग्लूकोज (शुगर) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है| ग्लूकोज हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, परंतु इसकी मात्रा ज्यादा होने पर यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है , जैसे कि हृदय, किडनी, आंखें, पैर, चर्म, मुंह, संक्रमण, वेटलॉस, प्यास, पेशाब, भूख, थकान, कमजोरी, सुन्नता, घावों का देर से भरना, आदि| डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हाई रक्त स्तर (High Blood Pressure) पर निर्भर करती है।

डायबिटीज के प्रकार(Types Of Diabetes in Hindi):-

डायबिटीज के प्रकार निचे दिए गए है….

टाइप -1 डायबिटीज(Type- 1 diabetes):-

इस प्रकार के डायबिटीज में शरीर का प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय(Pancreas) के कोशिकाओं को नष्ट कर देता है , जो इन्सुलिन(Insulin) का उत्पादन करते है| जिसके कारण अग्न्याशय(Pancreas) में हार्मोन इंसुलिन(Insulin) बनना बंद हो जाता है और इससे हमारे खून में ग्लूकोज (Glucose) की मात्रा बढ़ने लगती है| इस प्रकार के मधुमेह को सुई (injection) या पंप (pump) के माध्यम से इंसुलिन की पूर्ति करने से नियंत्रित किया जा सकता है|

टाइप-2 डायबिटीज(Type- 2 diabetes):-

टाइप-2 डायबिटीज में शरीर के अंदर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन पैदा होता है,लेकिन कोशिकाएं इसका प्रभावी उपयोग नहीं कर पाती हैं। इसके कारण, हमारे खून में ग्लूकोज का स्तर बना रहता है| मोटापा, एक निष्क्रिय जीवन शैली और आनुवंशिकता टाइप 2 मधुमेह के प्रमुख कारण हैं| इस प्रकार के मधुमेह को मेडिसिन (medicine), संतुलित आहार (balanced diet)और नियमित व्यायाम के मदत से नियंत्रित कर सकते है|

गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes):-

इस प्रकार की डायबिटीज गर्भावस्था के दौरान होती है| गर्भकालीन मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भावस्था में महिलाओं के खून में शर्करा का स्तर अधिक हो जाता है| यह समस्या अस्थायी होती है और गर्भावस्था के बाद सामान्यतः ठीक हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान असामान्य वजन बढ़ना, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome) इसका प्रमुख कारण है| गर्भकालीन मधुमेह के निदान के लिए, महिला को प्रेगनेंसी के 24 से 28 हफ्तों में अपने डॉक्टर से सलाह लेकर कुछ test करने पड़ते है|

डायबिटीज होने के कारण(Causes of diabetes in Hindi):-

डायबिटीज होने के कारण अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं। कुछ सामान्य कारण ये हैं:

  1. शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम होना या इंसुलिन का असर न होना। इंसुलिन एक हॉर्मोन है जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज को कोशिकाओं में पहुंचाता है|
  2. परिवार में डायबिटीज का इतिहास होना। डायबिटीज कुछ मामलों में आनुवंशिक हो सकता है|
  3. मोटापे की वजह से भी डायबिटीज जैसी बीमारी हो सकती है| इसीलिए हमे रोज exercise करना चाहिए|
  4. गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन होता है , जो शरीर को इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी बना देते हैं| इसीलिए गर्भावस्था में डायबिटीज होने के ज्यादा chances होते है|
  5. डायबिटीज होने का कारण स्ट्रेस (Stress) & डिप्रेशन(Depression) भी हो सकता है| इसीलिए हमेशा तनावमुक्त (stress free) रहना चाहिए|
  6. जिन लोगो को हाई रक्त स्तर(High blood pressure) है उन्हें डायबिटीज की समस्या हो जाती है| इसीलिए blood pressure कंट्रोल में रखना चाहिए|

डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes in Hindi):-

कुछ लोगों को डायबिटीज(Diabetes) के शुरुवाती लक्षणों के बारे में पता ही नहीं होता| अगर किसी भी व्यक्ति को प्री-डायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज है तो शुरू में उन्हें कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते| जिसकी वजह से समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है| इसीलिए जानते है डायबिटीज के मुख्य लक्षणों के बारे में…..

  1. बार-बार पेशाब आना
  2. ज्यादा भूख और प्यास लगना
  3. अचानक से शरीर का वजन बढ़ना या कम होना
  4. थकन महसूस होना
  5. आँखों के आगे धुंधलापन आना
  6. कोई भी घाव हो उसे ठीक होने में ज्यादा समय लगना
  7. स्किन इन्फेक्शन(Skin Infections)
  8. हाथ और पैरों को सुन्न होना
  9. ओरल इन्फेक्शन(Oral Infections)
  10. वैजाइनल इंफेक्शन(Vaginal Infections)

अगर इन लक्षणों पर ध्यान दिया जाये तो डायबिटीज(Diabetes) जैसी बीमारी को जल्द ठीक किया जा सकता है| इसके लिए आपको अपने जीवनशैली कुछ बदलाव करने होंगे|

You May Like This :-

डायबिटीज का निदान (Diagnosis of diabetes in Hindi):-

डायबिटीज (Diabetes) का निदान करने के लिए Doctor आपके ब्लड शुगर लेवल(Blood Sugar Level) को चेक करने के लिए कुछ test करते है| जानते है उन सभी test के बारे में….

ए1सी टेस्ट(A1C test or glycohemoglobin test):-

इस प्रकार के टेस्ट में पेशेंट (Patient) का हर ३ महीने में एक बार blood test करना पड़ता है और average glucose level चेक किया जाता है| अगर test report में 5.7% से कम आता है तो वह नार्मल होता है| लेकिन अगर test report में 6.5% से ज्यादा ऐ1सी level आता है तो उस Patient को डायबिटीज होती है|

फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट(Fasting Blood Sugar Test):-

इस प्रकार के test से भी हमारे शरीर के अन्दर की blood sugar level चेक होती है| लेकिन यह test करने के लिए पेशेंट को 7-8 घंटा भूखा रहना पड़ता है| यह टेस्ट डायबिटीज या प्रीडायबिटीज का पता लगाने के लिए किया जाता है| test करने के बाद अगर पेशेंट की blood sugar level 100(mg/dl) से कम है या फिर उसके बराबर है तो यह सामान्य स्थिति(Normal Condition) होती है| लेकिन पेशेंट की blood sugar level 126(mg/dl) से ज्यादा है तो इसका मतलब आपको diabetes है|

ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test):-

इस test से यह पता किया जाता है की खाने के बाद हमारे शरीर में भोजन के ग्लूकोज का कितने % हिस्सा blood तक पहुचता है| इस test के लिए सबसे पहले आपको एक ग्लूकोज खाने को दिया जाता है| उसके 2 घंटे के बाद शरिर में glucose की मात्रा चेक की जाती है| इस test के बाद पेशेंट की blood sugar level 140(mg/dl) से कम या उसके बराबर है तो यह normal condition होती है ,इसका मतलब पेशेंट को डायबिटीज नहीं है| अगर यह level 140 से 199(mg/dl) है तो यह प्रीडायबिटीज (prediabetes) की स्थिति है| यह level 200(mg/dl) से ज्यादा है तो पेशेंट को diabetes है|

रैंडम  ब्लड  शुगर  टेस्ट (Random Blood Sugar Test):-

एक प्रकार का रक्त शर्करा (Blood Sugar) परीक्षण है, जो दिन के किसी भी समय किया जा सकता है,
भोजन करने से पहले या बाद में| जब भी संभव हो तब blood sample लिया जा सकता है| इस test के बाद blood sugar level 200(mg/dl) है तो आपको डायबिटीज है|

डायबिटीज का उपचार क्या है ?(Diabetes Treatment in Hindi):-

डायबिटीज का इलाज आपके प्रकार, स्तर, लक्षण, और संभावित जोखिमों पर depend करता है|
डायबिटीज का मुख्य लक्ष्य है, आपके रक्त-शर्करा (Blood Sugar) को संतुलित (Control) करना, और संक्रमण, संकुचन, और अन्य समस्याओं से बचना|

Type 1 Diabetes के मरीजों को Insulin Therapy की आवश्यकता होती है, जिसमें Insulin Injections या Insulin Pump का प्रयोग किया जाता है| लेकिन, टाइप-2 डायबिटीज के लक्षणों से बिना किसी दवा के प्रतिदिन एक्सरसाइज, संतुलित भोजन, समय पर नाश्ता और वजन को नियंत्रित करके छुटकारा पाया जा सकता है| सही डायट की मदद से टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है|

डायबिटीज को एक कभी भी ठीक नहीं होनेवाली बीमारी माना जाता था मगर आज Science की तरक्की ने यह साबित किया है की डायबिटीज का नियंत्रण और इलाज संभव है|

ऐसी information के लिए Social media पे आप हमें follow कर सकते है।

RELATED ARTICLES

Most Popular