“भीमकुंड” जो के मध्यप्रदेश राज्य के छत्तरपुर ज़िल्हे में बाजना (bajna) गाँव में स्थित है। यह कुंड छत्तरपुर ज़िल्हे से तकरिबन ७७ km दूरी पर है। Bhimkund की बहोत सारे रहस्य (Mysteries) है जो आज भी अनसुलझी है। तो जानते है भीमकुंड के रहस्य के बारे में। (Bheem Kund Mystery in Hindi)
भीमकुंड – Bhimkund:-
भारत में ऐसी बहोत सारी जगह है, जो अपने आप में ही एक रहस्य बन चुकी है। हर जगह के पीछे हमारे पूर्वजों ने प्राचीन कथायें बताई हुई है। विज्ञान ने अपने तरिकेसे बहोत सारे रहस्यो से पर्दा उठाया है।
लेकिन कुछ जगह सच में चमत्कारिक होती है। जिनके रहस्य के आगे विज्ञान ने भी अपने घुटने टेक दिए है। ऐसी ही एक जगह है भीमकुंड।
Bhimkund को निलकुंड (Nilkund) के नाम से भी जाना जाता है। ये कुंड चट्टानो के गुफा के बीचो बना हुआ है। प्राचीन भारत से ही इस जगह को साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहा बहोत सारे साधु और तपस्वी ने तपस्या की है।
इसे भारत का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। Bhimkund का नाम सुनते ही हमें पता चलता है की यह कुंड महाभारत से जुड़ा हुआ है। धरती से ३० km के गहराई में एक गुफा में भीमकुंड बना हुआ है।
इस कुंड का सबसे बड़ा रहस्य यह है की, इसकी गहराई आज तक कोई नाप नहीं सका। बड़े से बड़े वैज्ञानिक भी इसका पता नहीं लगा सके।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भीमकुंड की एक कहानी महाभारत से जुड़ी हुई है। तो जानते है Bheem Kund की इस कहानी के बारे में।
भीमकुंड की कहानी- Story of Bhimkund:-
महाभारत की यह कहानी भीमकुंड को पांडवो से जोड़ती है। कहा जाता है की कौरवों से हारने के बाद पांडव अज्ञातवास के लिए निकल पड़े।
वो सब जंगल से गुज़र रहे थे। तभी द्रौपदी को बहोत ज़ोरों की प्यास लगी। पाँचो भाइयों ने मिलके पानी की खोज की लेकिन चारों और घना जंगल होने की वजह से कही पर भी पानी का कोई स्त्रोत नहीं था।
द्रौपदी की प्यास बढ़ती जा रही थी। ग़ुस्से में आकर भीम ने अपनी गदा उठाई और पूरी ताकद से ज़मीन पर मारी। इसकी वजह से ज़मीन के तल से पानी निकल पड़ा। सभी ने अपनी प्यास बुजाई। और उस जगह पर पानी का कुंड निर्माण हुआ इसीलिए इसे “भीमकुंड” (Bheemkund) के नाम से जाना जाता है।
You May Like This:-
- Talakadu – Mini Desert शाप से बना कर्नाटक का रेगिस्थान
- Dead Sea Israel मृत समुद्र – जहा पे कोई नहीं डूबता
भीमकुंड से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाए:-
त्सुनामी से जुड़ी घटना:-
२००४ में जो त्सुनामी आयी थी तभी बहोत लोगों की जान चली गयी थी। लेकिन यहा के स्थानीय लोग कहते है की २००४ में त्सुनामी आने से पहले भीमकुंड के पानी का स्तर (level) तकरिबन १५ मीटर से अचानक बढ़ गया था। और जब त्सुनामी आयी उसी वक़्त भी पानी स्तर बढ़ गया था।
भूचाल से जुड़ी घटना:-
नेपाल ने भी जब भूचाल आया था उसी वक़्त भी भीमकुंड के पानी का स्तर बढ़ गया था। यहा रहनेवाले लोगों को किसी भी प्राकृतिक आपत्ति का पता पहले ही लग जाता है। जब यह बात वैज्ञानिको को पता चली तब फिर से पूरी दुनियाभर के वैज्ञानिको की नज़र भीमकुंड पर पड़ गयी।
Bheem Kund के बारे में वैज्ञानिको का कहना :-
वैज्ञानिको का कहना था की, अगर हमें Bhimkund की वजह से प्राकृतिक आपत्ति का पता पहले ही चल जाता है तो हम बहोत सारे लोगों की जान बचा सकते है। इसीलिए उन्होंने भीमकुंड पर फिरसे Research शुरू किए।
उन्हें बहोत सारे सवाल आए की Bhimkund जहाँ पर है, वहा से समुन्दर बहुत दूर है। लेकिन फिर भी इसका पानी कैसे बढ़ सकता है? त्सुनामी और भूँकप का इस कुंड में के पानी से क्या connection हो सकता है?
जब इस कुंड के बारे में Discovery Channel को पता चली तब उन्होंने अपनी पूरी team को यहा भेज दिया। उन्होंने Scuba Divers की मदत से भीमकुंड की गहराई नापने की बहोत कोशिश की लेकिन वो भी असफल रहे।
लेकिन उन्हें कुंड में ८० feet की गहराई में जाने के बाद कुछ अजीब जीव और चमत्कारिक चीज़ें दिखी। उन्हें २३ जल की धाराए मिली जो की शायद समुद्र से जुडा हुआ है। गहराई में जाने के बाद उन्हें २ कुंड दिखाई दिए जिसमें एक कुंड से पानी निकलता है और दूसरे कुंड में भरता है।
अंतिम में प्रशासन ने इसके गहराई नापने के लिए भीमकुंड के पानी को Pump की मदत से ख़ाली करने की योजना बनाई। यह काम बहोत दिनो तक चालू रहा। बहोत सारा पानी निकाला गया लेकिन हैरानी की बात ये है की कुंड के पानी का स्तर १ feet भी कम नहीं हुआ। आख़िर में कोई भी इसके तल का पता नहीं लगा सका।
भीमकुंड की अजीबो ग़रीब बाते- Different Things of Bhimkund :-
- हम सब को तो पता ही है की जब भी कोई इंसान समुद्र और नदी में डूब जाता है, तो उसका मृत शरीर पानी के ऊपर आ जाता है। लेकिन भीमकुंड की बात थोड़ी अजीब है। क्यूँकि अगर Bhimkund में कोई डूब जाए तो उसका मृत शरीर कभी ऊपर नहीं आता। बल्कि पानी में ही ग़ायब हो जाता है।
- यहा रहनेवाले लोगों का कहना है की भीमकुंड का पानी कभी कम नहीं होता। पानी का बहोत सारा use होने के बावजूद Bheem Kund के पानी का स्तर (Level) कभी कम नहीं होता। शायद इसीलिए कोई इसकी गहराई को नाप नहीं सकता।
- भीमकुंड का पानी पूरी तरह से नीला होने की वजह से इसे “निलकुंड” भी कहा जाता है। भीमकुंड हमेशा साफ़ रहता है। यह पानी इतना साफ़ होता है कि काफ़ी गहराई तक की चीज़ें भी यानी की मछली और अन्य जीव भी एकदम साफ़ दिखाई देते है।
इसकी वजह से भीमकुंड सबसे अलग और अदभुत है। इस रहस्यों की वजह से बड़ी दूर दूर से लोग Bhimkund को देखने आते है। इसीलिए यह कुंड Tourist का आकर्षण स्थल बना हुआ है।
You May Also Like This:-
- Om Banna Temple – यहा बुलेट गाड़ी की होती है पूजा
- Shani Shingnapur – गाँव के एक भी घर में दरवाज़े नहीं है।
====
अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करे.
Social media पे भी हमें follow करे.