रायगढ़ किला | Raigad Fort Information-
2900 Feet ऊँचा यह Raigad Fort भारत में महाराष्ट्र राज्य के रायगड जिल्हे में आता है. रायगड फोर्ट यह गिरीदुर्ग प्रकार में आता है.
रायगढ़ किला यह कई लोगों के लिए सिर्फ किला नहीं है बल्कि भगवान् के मंदिर से भी पवित्र स्थान है. तो दोस्तों आज हम जानेंगे रायगढ़ किले (Raigad Fort) के बारे में.
रायगड किले का इतिहास (History of Raigad Fort):-
रायगड किले का निर्माण करते समय, किले की रचना इस प्रकार और इतने planning के साथ की गयी थी की, किसी भी शत्रु के लिए रायगढ़ किले को जीत पाना लगभग नामुमकिन है. इसकी वजह से Raigad किले को “पूरब का जिब्रेटर” (Gibraltar of East) भी कहा जाता है.
रायगढ़ किले का पुराना नाम ‘रायरी’ था. सन 1656 के May महीने में यह किला छत्रपति शिवाजी महाराज के कब्जे में आ गया. इसके पहले इसका उपयोग निजामशाही में कैदियों को रखने हेतु किया जाता था.
‘मुल्ला अहमद’ जो की कल्याण का सुभेदार था, वह खजिना लेकर विजापुर जा रहा था जिसकी खबर छत्रपति शिवाजी राजे को लग गयी थी और उन्होंने इस खजाने को लूटने की योजना बनाई और फिर योजना के अनुसार सुभेदार मुल्ला अहमद के पास का खजिना लूट लिया और उसी खजाने को रायरी किले के निर्माण में यानी की रायगढ़ के निर्माण में लगा दिया.
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रायगड किले का निर्माण (Construction of Raigad Fort)
रायगड किले के आसपास की भौगोलिक रचना, आड़ी-तिरछी पहाड़िया और सह्याद्री पर्वतरांग की कड़ी ढलाने इन सब को देखते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज ने रायगढ़ किले को बनाने की योजना की.
किला बनवाते समय बहोत सारी कठिनाईया आनेवाली है, यह बात छत्रपति शिवाजी राजे बखूबी जानते थे. वह ऐसा किला बनवाना चाहते थे, जो परकीय दुश्मनो के हमले को आसानी से सहे और हमारे सैनिकों को भी दुश्मनों से लड़ने के लिए मदत मिले.
अगर कोई दुश्मनी हमला ज्यादा दिनों तक हुआ, तो किले में मौजूद सभी लोगों के लिए पर्याप्त पानी और खाने की व्यवस्था रखना, ऐसी बेहद सारी कठिनाईयों का सामना करके जैसा किला चाहिए वैसा बनवाने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने एक ही नाम आया. वो नाम था “हीरोजी इंदुलकर“ (Hiroji Indulkar)
हीरोजी इंदुलकर (Hiroji Indulkar):-
बहोत से लोग हीरोजी इंदुलकर को नहीं जानते. Internet पे भी इनके बारे में बेहद कम जानकारी है. लेकिन हीरोजी इंदुलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य के बेहद ही महत्वपूर्ण और होशियार शख्स थे.
रायगढ़ किले को छत्रपति शिवाजी महाराज चाहते थे सटीक उसी तरह, कल्पना से वास्तव में साकार करने का असंभव लगने वाला काम हीरोजी इंदुलकर ने बेहद ही अच्छी तरीके से सफल कर दिया.
रायगड किले की संरचना (Structure Of Raigad Fort):-
रायगढ़ किले के मुख्य महल को बनवाने के लिए हीरोजी ने लकड़ी का उपयोग किया था. मुख्य किले में रानी का क़्वार्टर और छह कक्ष है. यह सभी कक्षों के लिए निजी टॉयलेट की व्यवस्था की गयी थी.
किले पे 3 Watch Towers थे जिसमे से अभी के समय सिर्फ दो ही देखे जा सकते है. एक Watch Tower शत्रुओं की बमबारी के दौरान नष्ट हो गया. किले के अंदर एक झील का भी निर्माण किया गया है जिसे “गंगा सागर” झील के नाम से जाना जाता है.
किले में आने जाने के लिए केवल एक ही मार्ग बनाया था जो की एक विशाल दरवाजे से होकर गुजरता है. उस विशाल दरवाजे को “महा दरवाजा” कहा जाता है.
जब पैसे कम पड़ रहे थे:-
कहा जाता है की Raigad Fort के निर्माण के वक्त एक समय ऐसा भी आया था की किले को बनवाने के लिए पैसा कम पड़ रहा था और छत्रपति शिवाजी महाराज भी वहा पे मौजूद नहीं थे. ऐसे समय में रायगढ़ के निर्माण का काम पैसों की कमी के वजह से ना रुके, इसके लिए हीरोजी इंदुलकर ने अपनी सारी मालमत्ता (property) बेच दी लेकिन काम को रुकने नहीं दिया.
रायगड किले के निर्माण का काम ख़त्म होने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने खुश हो के हीरोजी इंदुल्कर को इनाम में कुछ भी माँगने को कहा तब हीरोजी ने सोना, चांदी, जमीन, जायदाद ऐसे कुछ भी नहीं माँगा. उन्होंने माँगी तो खाली एक पायरी (सीढ़ी) जिसपे उनका नाम लिखा हो.
हीरोजी की यह इच्छा थी की छत्रपति शिवराय जब भी भगवान् जगदीश्वर के दर्शन लेने जाए तो उनके चरणों की धूल हीरोजी के नाम के ऊपर पड़ती रहे.
आज भी रायगढ़ किले पे हमें वो हीरोजी इंदुलकर की पायरी (सीढ़ी) देखने को मिलती है. जिसपे लिखा हुआ है “सेवेसी ठाई तत्पर, हीरोजी इंदुलकर”
सच में हीरोजी इंदुलकर जैसे महापुरुष को हमारी तरफ से शत शत नमन.
आपको बता दे की हीरोजी इंदुलकर वही है जिन्होंने सिंधुदुर्ग किले का भी निर्माण किया.
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रायगड किले की महत्वपूर्ण बाते (Important Things of Raigad Fort):-
शत्रु को कठिन लगने वाले प्रदेश के सबसे कठिन स्थान पे ही रायगढ़ किला स्थित है. साथ ही समुद्री व्यापार के लिए भी यह किला नजदीक है.
किले की विशेषता और रायगढ़ किले के स्थान को ध्यान में लेते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज ने 17 वी सदी में रायगड़ किले को स्वराज्य की राजधानी बनाया.
शिवराज्याभिषेक (Shiv-coronation)
06 जून 1674 को रायगड़ किले पे छत्रपति शिवाजी महाराज का शिवराज्याभिषेक समारोह हुआ.
Raigad Fort या फिर किसी भी किले पर घटित हुआ यह सबसे बेहतरीन समारोह में से सबसे ख़ास था क्योंकि इसी दिन सबका चहिता, सबका अपना राजा “छत्रपति” बन चूका था.
आज भी शिवराज्याभिषेक के दिन बहोत सारे शिवभक्त (छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों को मानने वाले या फिर छत्रपति शिवाजी महाराज को देवता मानने वाले) Raigad Fort पे जमा हो के छत्रपति शिवाजी महाराज को वंदना करते है.
रायगड़ किले पे देखने की जगह (Places to See on Raigad Fort):-
जैसे की हमने आपको बताया Raigad Fort ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण होने के कारण और साथ ही रायगड फोर्ट का स्वराज्य की राजधानी होने के कारण यहाँ पे बहोत सारी जगह आपको जरूर देखनी चाहिए.
- जीजाबाई वाड़ा
- नाना दरवाजा
- मशीदमोर्चा
- महादरवाजा
- खुबलढा बुरुज
- हत्ती तलाव (Elephant Lake)
- गंगासागर तलाव (Gangasagar Lake)
- पालखी दरवाजा
- राजभवन
- मेणा दरवाजा
- राजसभा
- रत्नशाला
- भवानी टोक
- नगारखाना
- कुशावर्त तलाव
- टकमक टोक
- वाघ दरवाजा
- जगदीश्वर मंदिर
- हिरकनी टोक
- छत्रपति शिवाजी महाराज समाधी.
दोस्तों ज़िन्दगी में एक बार तो Raigad Fort पे जरूर Visit करे.
स्वराज्य संस्थापक लोकाभिमुख राजा श्री शिव छत्रपति शिवाजी महाराज को Team Gyankida का शत शत नमन!
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