HomeMysteryभानगढ़ किले का रहस्य - Bhangarh Fort Story in Hindi

भानगढ़ किले का रहस्य – Bhangarh Fort Story in Hindi

Bhangarh Fort:- एक ऐसा किला जिसके बारे में ऐसा कहा जाता है की आज भी इस यहाँ पे भूत दिखाई देते है. तो क्या है इस भानगढ़ किले का रहस्य? आज हम जानेंगे भानगढ़ किले के रहस्य के बारे में. (Details of Bhangarh Fort Story in Hindi) आखिर वहा पे ऐसा क्या है, जिसके कारण सूर्यास्त के बाद वहा पे रुकने की अनुमति नहीं है.

वैसे तो भारत में किलों की कमी नहीं है. किले; मतलब हमारे पूर्वजो ने हमें दिया हुवा एक अनमोल तोहफा है. इन किलो की वजह से हमारे देश की दुनिया भर में एक अलग ही पहचान है. यह किले इतने मजबूती के साथ बनाये गए है, की इतने सालो के बाद भी इनका आकर्षण देखने लायक है. हर एक किले का अपने आप में एक रहस्य छुपा हुवा है. लेकिन आज हम जिस Bhangarh Fort की बात कर रहे है, उसे भारत के सबसे डरावने जगह में से एक माना जाता है. 

भानगढ़ किले (Bhangarh Fort) का स्थान और निर्माण:-

राजस्थान में अल्वर (Alwar) जिले में भानगढ़ का किला स्थापित है. ये किला 1583 में माधो सिंह के लिए बनवाया था. इसमें प्राचीन चित्रकला का उपयोग किया है. यह किला चारो तरफ से पहाड़ो से घेरा हुआ है. बारिश के दिनों में चारो तरफ पहाड़ियों पर हरियाली की सुंदरता देखते ही बनती है. आप अंदर प्रवेश करते हो तो आपको कुछ हवेलियों के अवशेष देखने को मिलेंगे. 

भानगढ़ किले का इतिहास (History Of Bhangarh Fort)

माधो सिंह के 3 पुत्र थे जिनमे से माधो सिंह के मृत्यु के बाद, ‘छतर सिंह’ को भानगढ़ किले की जिम्मेदारी मिली थी. छतर सिंह अपने 2 बेटो के साथ मुघलो के हातो युद्ध में मारे गए. उसके बाद उनके बेटे ‘अजब सिंह’ ने भानगढ़ न रहते हुए बाजु में ही अजबगढ़ बसाया और वही रहने लगे.

Bhangarh Fort Story In hindi

 भानगढ़ किले का रहस्य (Bhangarh Fort Mystery):-

1. श्राप  की कहानी:-

ऐसा कहा जाता है की जिस जगह पर भानगढ़ किला बनवाया गया था, वो जगह एक साधु की तपस्या का स्थान था. उस साधु ने किले को बनवाने की अनुमति दे दी थी लेकिन उनकी एक शर्त थी. शर्त में उन्होंने कहा था की किले की दीवारों की ऊंचाई कम होनी चाहिए, और किले की दीवारों की परछाई भी उनके तपस्या स्थल पर पड़नी नहीं चाहिए. 

किले के निर्माण के समय बनाने वाले ने इसके ऊपर ध्यान नहीं दिया और महल को अपने मर्जी के अनुसार बनाया. इस वजह से क्रोधित होके साधु ने भानगढ़ के विनाश का श्राप दिया और उसकी वजह से भानगढ़ तबाह हो गया. 

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2. राजकुमारी रत्नवती की कहानी:- 

लोग कहते थे की भानगढ़ की राजकुमारी रत्नवती बहोत ही सूंदर थी, और उसके स्वयंवर की तैयारी चल रही थी. जिसकी वजह से सब लोग बहोत खुश थे. लेकिन एक तांत्रिक था जो राजकुमारी को पाना चाहता था. वो काले जादू में होशियार था. एक दिन उसने राजकुमारी के श्रृंगार के तेल पे काला जादू कर दिया, जिसके लगाने से राजकुमारी वशीकरण के कारण उसके पास चली आये. 

लेकिन राजकुमारी के हात से वो तेल की बोतल एक बड़े पत्थर पे गिर के टूट गयी, जिसकी वजह से वो पत्थर तांत्रिक के पास जाने लगा. पत्थर के निचे कुचलने से उस तांत्रिक की मौत हो गयी, लेकिन मरने से पहले उस तांत्रिक ने भानगढ़ के बर्बादी का श्राप दे दिया था. उसके कुछ समय बाद यहाँ पे युद्ध हो गया जिससे भानगढ़ नष्ट हो गया. 

3. पानी की कमी :-

तीसरी कहानी के मुताबिक सन 1720 से भानगढ़ का पानी कम होना चालू हुआ था. और उसके बाद में सन 1983 में भानगढ़ में बहोत बड़ा अकाल पड़ा था जिसकी वजह से भानगढ़ पूरी तरह से उजाड़ गया. 

ऐसा कहा जाता है की यहाँ पे कई बार रात में पायल की आवाज सुनाई देती है और इसकी सच्चाई जानने के लिए एक अंग्रेज अपने एक साथी के साथ भानगढ़ में रात में रहने के लिए गए थे.

लेकिन सुबह में लोगो को उन दोनों की लाश ही मिली जिसकी वजह से सरकार ने रात में भानगढ़ में जाने से पाबंदी लगाई.

Bhangarh Fort Notice

क्या सच में भानगढ़ भूतिया है या फिर ये सारे लोगो ने बनाई कहानिया है इसके बारे में किसीको नहीं पता. कहने वाले इसे मनघडन कहानिया बताते है तो मानने वाले Bhangarh Fort की इस कहानि को सच मानते है. लेकिन एक बात तो तय है की यहाँ पे शाम होने के बाद किसी को भी अंदर जाने या रुकने नहीं देते. 

आपको क्या लगता है? क्या है भानगढ़ किले (Bhangarh Fort) का रहस्य? Comments में हमें जरूर बताये. 

मिलते है ऐसी ही नयी Article के साथ. तब तक के लिए Bye. 

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