Mike The Headless Chicken:-
किसी मुर्गे की गर्दन कट जाए और उसके बाद भी वह मुर्गा अगले कई महीनो तक जिंदा रहे तो आप उसे क्या कहेंगे? यह चमत्कार नहीं तो और क्या हो सकता है? कोई भी जानवर या फिर इंसान बिना सिर के कैसे जिंदा रह सकता है? आज हम आपको बताने वाले है एक ऐसे मुर्गे के बारे में जो गर्दन कटने के बाद भी जिंदा रहा. (Mike the Headless Chicken)
तो चलिए जानते सिर कटे मुर्गे की कहानी Mike the Headless Chicken की कहानी.
सिर कटा मुर्गा ‘माइक’ का इतिहास History of Mike – The Headless Chicken :-
Colorado के Fruita में लॉयड ओल्सेन (Lloyd Olsen) नाम का किसान था. एक दिन (10 सितम्बर 1945) को अपनी बीवी और सांस के साथ खाना खाने की योजना बनाई. खाने में चिकन बनाने का तय हुआ.
उन्होंने अपनी पत्नी को मुर्गी लाने के लिए आँगन भेज दिया. उसकी पत्नी ने साढ़े पांच साल के Wyandotte जाती के मुर्गे को काटने के लिए चुना. उस मुर्गे का नाम था “माइक” (Wyandotte यह मुर्गे की अलग प्रजाति है जो साल 1870 में विकसित हुई थी.)
ओल्सेन ने उस मुर्गे के सिर पर कुल्हाड़ी मार दी, जिसकी वजह से उस मुर्गे के सिर का बहोत सारा हिस्सा कट गया लेकिन एक कान, सिर का थोडासा हिस्सा और गले की नस कुल्हाड़ी से छूट गयी.
ओल्सेन की बहोत कोशिशों के बावजूद वो मुर्गा सिर कटा होते हुए भी खड़ा होक इधर उधर भागने लगा. यह देख ओल्सेन चौक गया. आखिरकार बिना सिर के यह मुर्गा जिंदा कैसे रह सकता है? यह कैसा चमत्कार है? ऐसे कई सारे सवाल ओल्सेन के मन में भी होंगे.
Mike जो की सिर कटा मुर्गा जिन्दा था. उसे देख कर ओल्सेन ने माइक की देखभाल करने का निर्णय लिया. लेकिन उसमे भी दिक्कत थी. सिर कटा होने की वजह से उस मुर्गे को खाना कैसे दे? इसके लिए ओल्सेन ने एक तरकीब निकाली. उसने Eyedropper की मदत से दूध और पानी का मिश्रण माइक को खिलाया. साथ ही उसमे से मकड़ी और कीड़े भी खिलाते थे.
Mike – The Headless Chicken के Famous होने की कहानी:-
सिर कटा होने के बावजूद भी जिंदा रहने की वजह से माइक की बात धीरे धीरे पुरे शहर में फ़ैल गयी. सभी लोगो में Mike the headless chicken के बारे में चर्चा होने लगी. लोग उसे देखना चाहते थे. पैसे कमाने का यही एक अच्छा मौका देख ओल्सेन ने अपने सिर कटे मुर्गे (माइक) को लेकर sideshow करना चालू किया.
बहोत दूर से लोग उसके show देखने के लिए आया करते थे. बादमे तो अखबार और magazines के लिए भी माइक के फोटो निकलने लगे. Time and Life magazine में भी माइक के बारे में लिखा गया था.
Headless Chicken Mike को लोगो के सामने लाने के लिए ओल्सेन 25 cents लेते थे. जैसे जैसे माइक की लोकप्रियता बढ़ने लगी वैसे ही ओल्सेन ने charges भी बढ़ा दिए. mike the Headless Chicken को लोग “Miracle Mike” भी कहने लगे.
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सिर कटे मुर्गे का रहस्य (Mystery of Mike the Headless Chicken) :-
कुछ लोग इसे सच नहीं मानते थे, इसीलिए इसकी सच्चाई साबित करने के लिए ओल्सेन अपने सिर कटे मुर्गे को Utah University लेके गए.
वैज्ञानिको ने माइक के निरिक्षण के बाद उन्होंने कहा की जब ओल्सेन ने कुल्हाड़ी माइक के सिर पर मारी तो माइक के गले की नस बच गयी थी और माइक का ज्यादा खून भी नहीं बहा था.
मस्तिष्क स्तम्भ की वजह से उसकी basic क्रिया जैसे साँस लेना, दिल की धड़कनों का चालू रहना ऐसी क्रियाओं में कुछ भी problem नहीं था. और इसी वजह से माइक सिर कटा होने के बावजूद भी जिंदा था.
माइक की मौत (Death of Mike The Headless Chicken)
मार्च 1947 में माइक और ओल्सेन sideshow के दौरान Phoenix के motel में रुके थे. वहा से वापस आते समय आधी रात को माइक का दम घुटने लगा. तभी ओल्सेन माइक की सिरिंज और खाने का eyedropper ढूंढ़ने लगे लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला.
फिर ओल्सेन को याद आया की उन्होंने वह eyedropper और सिरिंज गलती से sideshow में ही भूल आये थे. जिसकी वजह से सिर कटने के 18 महीनो के बाद माइक का दम घुटके मौत हो गयी.
Fruita (Colorado) में Mike The Headless Chicken नाम की एक संस्था है जिसमे साल में एक बार Mike The Headless Chicken Day celebrate किया जाता है.
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