HomeInterestingNahargarh Fort - नाहरगढ़ क़िले पर है भूतों का साया।

Nahargarh Fort – नाहरगढ़ क़िले पर है भूतों का साया।

Nahargarh Fort” एक ऐसा किला, जो कि पूरे भारत में सबसे ज़्यादा मशहूर किलो में से एक है। नाहरगढ़ क़िले का इतिहास बड़ा ही रोचक और अदभुत है। Nahargarh Fort पे कई सारी अजीबो ग़रीब घटनाए हुई है, जिसकी वजह से यह किला “Haunted Place” की list में शामिल हो जाता है।

लोगों का कहना है कि नाहरगढ़ क़िले में आज भी भूतों का साया है। तो क्या है इसका सच? क्या सच में नाहरगड क़िले पे अजीबो ग़रीब घटनाए सच में होती है? आज हम जानेंगे इन सब के बारे में। Nahargarh Fort के कहानी के बारे में।

नाहरगढ़ किला – Nahargarh Fort :-

यह किला जो कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में बनाया गया है। यह किला पिंक सिटी जयपुर के अरवली पर्वत की ऊँचाई पर बना हुआ है।

इस क़िले का मूल नाम पहले “सुदर्शन गढ़” था लेकिन बाद में लोग इसे “नाहरगढ़” के नाम से जानने लगे। “नाहरगढ़” इस शब्द का अर्थ होता है “शेर का निवास स्थान”। आमेर और जयगढ़ क़िले के साथ-साथ ही नाहरगढ़ किला भी जयपुर शहर का सुरक्षा कवच बन गया है।

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Pic Credit:- Yoge cool / CC BY-SA

नाहरगढ क़िले का इतिहास (History of Nahargarh Fort):-

Nahargarh Fort का निर्माण जयपुर के राजा “सवाई जय सिंह” ने १७३४ में करवाया था। पर्वत के चारों ओर सुरक्षा के लिए दीवार बनी हुई है। कहा जाता है की यह किला पहले आमिर की राजधानी हुआ करता था।

इस क़िले की विशेष बात ये है की आज तक इस क़िले पर किसी ने भी आक्रमण नहीं किया है। लेकिन फिर भी इस क़िले पर कुछ ऐसी ऐतहासिक घटना हुई थी जिसकी वजह से यह किला पूरी दुनियाभर में मशहूर बन गया है। सबसे मुख्य घटना १८ वी शताब्दी में हुई थी। उस वक़्त मराठा सेना और जयपुर के बीच लधाई हुई थी।

सन १८४७ में में भारत विद्रोह के समय इस क्षेत्र के यूरोपीयन, जिसमें ब्रिटिश नागरिकों की पत्नियो भी शामिल थी। उन सभी को सुरक्षित रखने के लिए जयपुर के राजा ने उन्हें नाहरगढ़ क़िले में रहने की जगह दी थी।

नाहरगड किले का विस्तार:-

साल १८६८ में सवाई राम सिंह के साम्राज्य के दौरान नाहरगढ़ क़िले का विस्तार किया गया था। १८८३-९२ में सवाई माधो सिंह ने नाहरगढ़ में ३ से साडे तीन लाख ख़र्च करके बहोत सारे महलों का निर्माण करवाया था।

माधवेन्द्र भवन (Madhavendra Bhavan):-

सवाई माधो सिंह ने जितने भी महल बनवाए उनमें से “माधवेन्द्र भवन” सबसे ख़ूबसूरत और विशेष है। माधवेन्द्र भवन की ख़ासियत ये है की जयपुर की रानियो का यह सबसे प्रिय और पसंदीदा भवन है।

इस महल का हर एक कमरा एक ही Corridor से जुड़ा हुआ है। इस भवन में रानियो के कमरों को कुछ इस तरह से बनवाया है की महाराज किसी बाक़ी रनियो को पता चले बिना ही किसी दूसरी रानी के कमरे में जा सकते है।

Nahargad Fort पर बहोत सारी Bollywood फ़िल्म की shooting की गयी है। “रंग दे बसंती” और “शुद्ध देसी रोमैन्स” इन फ़िल्मों में आपको नाहरगढ़ किला देखने मिलेगा।

Madhavendra-Palace
Image Credit:- Chicklu / CC BY-SA

इस क़िले का नाम नाहरगढ़ क्यू और कैसे पड़ा?

हर एक ऐतहासिक जगह के नाम के पीछे कोई ना कोई कहानी छुपी होती है। तो जानते है नाहरगढ़ के नाम की कहानी।

नाहरगढ़ क़िले का नाम एक राजपूत यानी की राजकुमार के नाम पर रखा गया था। उस राजकुमार का नाम था “नाहर सिंह भौमिया“ जो कि राठौड़ के राजकुमार थे।

जिस स्थान पर सवाई जय सिंह द्वितीय राजा ने इस क़िले को बनवाया था वो जगह नाहर सिंह भौमिया की थी।

लोगों के अनुसार जब नाहरगढ़ क़िले को बनाने का काम चल रहा था, तब उसी वक़्त नाहर सिंह भौमिया की आत्मा इस क़िले के काम में बाधा डाल रही थी। बहोत सारी अजीब घटनाए हो रही थी।

मज़दूर जो भी काम करते थे अगले ही दिन पूरा बनाया हुआ काम बिगड़ जाता था। जब राजा को यह बात समज आयी तो उन्होंने उस व्यक्ति की आत्मा की शान्ति के लिए नाहरगढ़ क़िले में उनके नाम का मंदिर बनवाया। इसीलिए क़िले का नाम “सुदर्शन गढ़“ से “नाहरगढ़ किला“ रख दिया गया।

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नाहरगढ़ क़िले की कुछ रोचक बाते :-

नाहरगढ़ क़िले की ऊँचाई ७०० फ़ीट है। कहते है की जयपुर शहर के सुरक्षा के लिए नाहरगढ़ क़िले को बनाया गया था। आज तक इस क़िले पर कोई भी आक्रमण नहीं हुआ है। नाहरगढ़ क़िले में जो पिस्तौल रखी गयी है उसका उपयोग फ़ायरिंग का सिग्नल देने के लिए किया जाता है।

Nahargad क़िले का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग माधवेन्द्र भवन है। इस क़िले में एक जैविक उद्यान भी स्थित है जो इस क़िले का आकर्षण है। सबसे ख़ास बात यह है की इस उद्यान में पक्षियों की २८५ प्रजातीया देखने मिलती है।

यहा के स्थानीय लोगों को कहना है की इस क़िले में अचानक से तेज़ हवाए चलने लगती है, दरवाज़े में लगे काँच टूटकर बिखर जाते है। क़िले में जाने वाले बहोत सारे लोगों को अजीबो ग़रीब चीज़ें महसूस होती है।

लोगों का कहना है की आज भी यहा पर आत्माए भटकती है। इसीलिए Nahargarh Fort को “Haunted Fort” भी कहा जाता है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है यह कोई नहीं जानता।

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Pic Credit:- Aparajita Paul / CC BY-SA

Tourist Attraction Near Nahargarh:-

नाहरगढ़ किला अपने आप में ही एक अदभुत कलाकारी का एक उत्तम उदाहरण है। विशेष तौर पर इस क़िले की रचना और कलाकारी देखने के लिए पर्यटक बड़ी दूर दूर से जयपुर घूमने आते है।

जयपुर में Nahargarh Fort के साथ साथ ही जंतर-मंतर, अंबर किला, हवा महल, सिटी पैलेस ऐसी और भी बहोत सारी जगह Tourist का आकर्षण बन चुकी है।

नाहरगढ़ किला भारतीय और यूरोपीयन शैली का एक आदर्श उदाहरण है। कुछ लोग इसे “Tigar Fort” भी कहते है।

जयपुर में नाहरगढ़ क़िले में घूमने का सही समय October से March महीने तक होता है। क्यूँकि इन दिनो यहा सूरज की गरमी कम होती है। अगर आप भी नाहरगढ़ किला घूमना चाहते है तो आप सुबह १०:०० से शाम ५:३० बजे तक जा सकते है।

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