Yaganti Temple:- यागंती मंदिर
यागंती मंदिर में बहोत साल पुराणी नंदी महाराज की मूर्ति है. जो समय के साथ धीरे धीरे बढ़ रही है. Yaganti Temple को Umamaheshwaram Temple के नाम से भी जाना जाता है.
Yaganti Temple की एक और खास बात है. इस मंदिर के आसपास आपको एक भी कौवा दिखाई नहीं देता. तो क्या है Yaganti Umamaheshwaram Temple का इतिहास? Nandi की मूर्ति क्यों अपने आप बढ़ रही है? मंदिर के आसपास एक भी कौवा क्यों नहीं दिखता?
Yaganti Umamaheshwaram Temple:-
भारत देश में लोगों की भगवान् के प्रति बहोत ज्यादा श्रद्धा है. यहाँ पे बहोत सारे लोगो की सुबह, भगवान् के नामस्मरण से होती है. जिसकी वजह से जगह जगह पे आपको भगवान् के मंदिर दिखाई देंगे. हर मंदिर की अपनी एक अलग कहानी होती है. उसी तरह बहोत से रहस्य से जुडी “यागंती मंदिर” की भी कहानी है.
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यागंती मंदिर का विवरण (Details Of Yaganti Temple):-
भारत के आंध्रप्रदेश राज्य के कुरनूल जिले में Yaganti Temple है. इस मंदिर को शिव का मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर में Nandi महाराज की मूर्ति है जो की समय के साथ बड़ी होती जा रही है. इसी वजह से यागंती मंदिर ज्यादा प्रसिद्ध है. Kurnool जिले का यह सबसे मशहूर मंदिर है.
यागंती मंदिर का इतिहास (History Of Yaganti Temple):-
15 वी सदी में संगम वंश के राजा हरिहर बुक्का राय जी ने इस मंदिर को बनवाया था. इतिहास में इस मंदिर के निर्माण की 2 अलग अलग कहानिया हमें मिलती है.
1. ऋषि अगस्त्य:-
पहिली कहानी के मुताबिक “ऋषि अगस्त्य” जो की हिन्दू धर्म के पूजनीय ऋषि थे, वह चाहते थे की इसी जगह पर Venkateshwar Temple का निर्माण हो. लेकिन जो मूर्ति बनाई गयी थी उसे स्थापित नहीं किया गया क्यूंकी मूर्ति के पैर के एक अंगूठे का नाख़ून टूट गया था.
इस घटना की वजह से ऋषि अगस्त्य जी ने भगवान् शिव जी को प्रकट करने हेतु तपस्या की. जिसके बाद भगवान् शिव प्रकट हुए और भगवान् शिव जी के आशीर्वाद से ऋषि अगस्त्य जी ने उमामहेश्वर और नंदी की स्थापना की.
2. शिव भक्त चित्तेप्पा (Chitteppa):-
दूसरी कहानी के मुताबिक जब चित्तेप्पा भगवान् शिव जी की पूजा कर रहे थे तब उन्हें भगवान् शिव जी ने बाघ के रूप में दर्शन दिए. जिससे वह ख़ुशी से नाचने लगे.
यागंती मंदिर के पास ही चित्तेप्पा (Chitteppa) नाम की एक भी गुफा है.
Yaganti Temple में शिव, पार्वती और नंदी यह देवता है. यह भगवान् शिव जी का मंदिर होने के कारण हर साल महाशिवरात्री का उत्सव मनाया जाता है.
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यागंती मंदिर का रहस्य (Mystery of Yaganti Temple):-
यागंती मंदिर के प्रमुख 2 रहस्य है जो है जो आज भी सभी को चौका देते है.
1. नंदी की मूर्ति का आकार बढ़ना:-
यागंती मंदिर में एक नंदी की मूर्ति है. इस नंदी का आकार समय के साथ साथ बढ़ता ही जा रहा है. वहा रहने वाले लोग कहते है की नंदी की मूर्ति स्थापना के वक्त आकार में बहोत ही छोटी थी. लेकिन अब नंदी का आकार बढ़ता ही जा रहा है.
पोतुलूरी वीरा ब्रम्हेंद्र स्वामी (Potuluri Veera Bramhendra Swamy) जो की आँध्रप्रदेश के रहने वाले एक हिंदू संत थे वो कहते है की, कलियुग का अंत होने पर नदी महाराज जिन्दा हो जाएंगे तब धरती का विनाश हो जाएगा.
इस मूर्ति पर research करने के बाद पता चला की जिस पत्थर से इस मूर्ति को बनाया है उस पत्थर की खासियत यही है की उसका आकार बढ़ता ही जाता है.
जब इस नंदी की मूर्ति का आकार छोटा था तब यहाँ आनेवाले लोग नंदी महाराज को प्रदक्षिणा किया करते थे लेकिन अब यह मूर्ति इतनी बढ़ चुकी है की यहाँ पे प्रदक्षिणा निकाल पाना मुमकिन नहीं है. नंदी का आकार बढ़ने की वजह से यागांती मंदिर के कर्मचारियों ने एक खम्बे को वहासे हटा दिया है.
2. मंदिर के पास एक भी कौवा ना होना:-
इस मंदिर की एक और खासियत है की यहाँ पे एक भी कौवा देखने को नहीं मिलता.
यहाँ के लोगो का कहना है की जब ऋषि अगस्त्य जी तपस्या कर रहे थे तो कुछ कौवे उनकी तपस्या में बाधा दाल रहे थे. तपस्या में बार बार बाधा आने के कारण ऋषि अगस्त्य जी क्रोधित हुए और कौवो को शाप दे दिया की कौवे कभी इस जगह पर प्रवेश नहीं कर सकते. इसी के कारण Yaganti Temple के आसपास एक भी कौवा दिखाई नहीं देता.
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